
Image source wallpapercave.com
बाल हट और आलिंगन से
माँ को प्यार दिखाये
तब वह कृष्णा बन जाये
नन्हा बालक खेल खेल में
जब मिट्टी को खा जाए
तब वह कृष्णा बन जाये
तेजस्वी और निडर रहे
यारो का साथ निभाये
तब वह कृष्णा बन जाये
बलात्कारी वहसी हैवान से
जब नारी की लाज बचाये
तब वह कृष्णा बन जाये
आदर प्रेम सत्कर्म को
जो जीवन मे अपनाए
तब वह कृष्णा बन जाये
एक कृष्णा है मन के अंदर
जब उसको हम सुन पाएंगे
तब हम भी कृष्णा बन जाएँगे
तब हम भी कृष्णा बन जाएँगे …..
जय श्री कृष्ण
#मन घुमक्कड़
You have written a great poem for lord Krishna, the god of protection, compassion, tenderness, and love. We all need his help, these days, dear Yogesh.
LikeLiked by 2 people
Absolutely right ma’am! We cannot become God at all, but by following in his footsteps we can become good human beings. thank you very much ma’am🙏🙏🌻
LikeLiked by 1 person
क्या बात। शानदार लेखन।👌👌
LikeLiked by 2 people
सराहना के लिए आपका बहुत बहुत आभार सर!🙏🙏🌻
LikeLiked by 1 person