शहादत…

वीर जवानों की कुर्बानी, 
देखो व्यर्थ न जाने पाये
इस धरती में उस मुल्क का,
कतरा भी न आने पाये


गलवान घाटी पर एक माँ ने,
एकलौता बेटा खोया
एक बाप छुपाकर अपना चेहरा,
सिसक सिसक रोया


पति के जाने की ख़बर से,
बीबी का कलेजा टूट गया
एक नवजात बेटी के सर से,
पिता का साया छूट गया


यह युद्ध नही था जिसको,
हम भारतवासी जायज़ मानें
छल से वार किया था फिर भी,
दुगनो की ले ली थी जानें


हमारे विश्वास को हर मंजर में,
अब तक था वो कुचल रहा
देश का सैनिक हर शहीद का,
अब बदला लेने मचल रहा


उस मुल्क की इस धरती से,
दिखावेकीदोस्ती अब थम जाएं
जिस भाषा मे वह समझे,
अब उसको उसमे समझाए


आँखे दिखाकर उसको अब,
सीधे सीधे ही समझाओ
अब ये पुराना भारत नही,
जिसको तुम डरा पाओ

#मन घुमक्कड़

Published by: Yogesh D

An engineer, mgr by profession, emotional, short story/Poem writer, thinker. My view of Life "Relationships have a lot of meaning in life, so keep all these relationships strong with your love"

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