Posted on June 5, 2020June 14, 2020 by Yogesh Dबेज़ुबान माँ…. बेज़ुबान को मारकर तू खुद को बहादुर कहता है हक़ीक़त में तो तेरे ही अंदर एक जानवर रहता है क्यूँ मारा तूने उस माँ को तेरा हृदय नही चेता होगा एक बेटा माँ न देख सका किसी माँ का तू भी बेटा होगा वह हृदय नही है पत्थर है जिसमे करूणा न वास करे इनकी क्रूरता दानवों जैसी जिससे जंगली जानवर भी डरे इन्ही हरकतों से इंसा की यह जानवर रूष्ट हो जाते हैं फिर यहीं क्रूरता वह इंसा पर आदमखोर बन के दिखाते हैं इंसा भी अब बन ही गया एक आदमखोर जानवर सरीका फिर भी जानवरों से न सीखा उसने प्यार, स्नेह, ईमानदारी का तरीका #मन घुमक्कड़ Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related
हृदय स्पर्शी।
Thank you very much for reading and appreciating ma’am 😊🙏🎆🌷
🎉🌷
So true.
Thanks you abhi..
Ninda karne ke liye wo shabd nahi jisse main us jaahil ki ninda kar sakun………
You are absolutely right , Thank you sir
Nicely you have expressed feelings which we all have in our heart.