शहर की पुरानी मंडी में,जब दो नज़रों का मिलन हुआ
एक हलचल के साथ, यू लगा किसी ने दिल को छुआ
बहुत हुए उदास वो दिल, फिर वहां से बिछड़ जाने से
बस दुआ वो करते की मिल जाये, फिर एक बार बहाने से
फिर एक दिन उस आशिक को, उसका पता मिल जाता है
अब वह दीदार की ख़ातिर, उसकी गलियों में जाता है
तेज तेज पहियों से उसकी, गाड़ी वहा पहुचती थी
घर से कुछ दूरी पर अक्सर, एकस्कूटर रोज बिगड़ती थी
ये सब होता था उसके, बस एक दीदार को।
कभी कभी तो लग जाते थे, घंटो इंतजार को
वह सुंदर चेहरा अपने घर से, अचानक बाहर आता था
फिर उस आशिक का दिल,उसे देख देख खिल जाता था
न करता कोई भी इशारे, पर आंखे सब कुछ कहती थी
वह भी कपड़ो के बहाने, कुछ देर छत पे रहती थी
एकाएक वह नज़रे कभी तो, अलग अलग हो जाती थी
फिर वही नज़रे घूम घूम के, एक दूजे पे टिक जाती थी
यू होते होते अब दोनो दिल, एकदूजे के करीब आये थे
अब एक पल भी न दिखे कोई, तो दिल उनका बैठा जाए थे
न जाने किस तरह, अब एक नाता उनका बन गया
न बात की न कभी मिले, फिर कैसे रिश्ता बन गया
फिर बातें खतों से खूब हुई, और रिश्ता उनका मजबूत हुआ
एक डोर से बंधे रहने को, वो करते रहते रोज दुआ
क़ाबिल खुद को करने को,आशिक ने उसको वचन दिए
और प्रियसी ने भी इंतजार में, उसके सुबह शाम किए
वह दोनो मंजिल पाने को, पूरी शिद्दत लगाते थे
एक बाहर लोगो की सुनता था, एक को घरवाले सुनाते थे
अपने प्यार की ख़ातिर उसने, मेहनत के झंडे लगाए थे
जैसे भीषण युद्ध जीतकर योद्धा, अपने घर को आये थे
हर दुख दर्द में प्रियसी, खून का घूट पीती रही
एक दिन आएंगे वह लेने, यही सोच वह जीती रही
फिर अधिकारी बन एक दिन, आशिक प्रियसी के घर गया
प्रियसी की आँखों मे मानो, खुशी का समंदर भर गया
वह आया उसका हाथ मांगने, बोला यह मेरी प्रीत है
मैं कुछ भी न कर पाता प्रियसी, यह अपने प्यार की जीत है
#मन घुमक्कड़
सीमाओं में था प्यार लेकिन बेशुमार।👌💕
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Thank you so much ma’am 😇💐it means a lot!🙏🙏
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🎉
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Bahut shandaar👌👌
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thank you so much
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यादें
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thank you durgesh ji
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Bahut hi badhiya
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Thank you so much
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