उदारता….

आज के समय कुछ बुद्धिजीवी लोगों का एक तरीका हो चला है कि, रुतबे में बड़े या ताकतवर लोगो के प्रति तो बड़ी शिष्टता और उदारता का व्यवहार प्रदर्शित करते है परंतु उनके द्वारा छोटे, निर्बल, अशिक्षित लोगो के प्रति कठोरता, रोब और संकीर्णता का व्यवहार किया जाता है।

यह बहुत स्वार्थपूर्ण नज़रिया है। इसमें उच्च एवं निम्न वाली बात नही होनी चाहिए। व्यवहार में उदारता अच्छी बात है परंतु जो आपसे शक्तिशाली या उच्च दर्जे के है सिर्फ उनके प्रति ही उदारता का कार्य एक प्रकार का दिखवा मात्र है। जिसका यही कारण हो सकता है कि वे आप पर प्रसन्न बने रहे और आवश्यकता पड़ने पर आपका कोई प्रयोजन उनके माध्यम से सफल हो सके।

हकीकत में उदारता छोटे, आश्रित और असमर्थ लोगो के साथ किये व्यवहार में होती है। अगर आप उनसे मनुष्यता का, सह्रदयता का एवं शिष्टता का व्यवहार करते है तो असल मे आप उदार माने जाएंगे।

तो अब जब भी आप ऐसे व्यक्तियों से मिले चाहे वह सब्जीवाला, दिहाड़ी मजदूर, ड्राइवर, माली, मैकेनिक, प्लम्बर, कारपेंटर, चाय की दुकान में काम करने वाले, बाजार में सड़क के किनारे दुकान लगाए बैठा व्यक्ति आदि तो उनसे उदारता पूर्वक बात करके देखिए आप पाएंगे कि वह आपको बहुत सम्मान की दृष्टि से देख रहा होगा।

खुश रहे, निरोग रहे…..

Published by: Yogesh D

An engineer, mgr by profession, emotional, short story/Poem writer, thinker. My view of Life "Relationships have a lot of meaning in life, so keep all these relationships strong with your love"

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