विचारों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। जैसे हमारे विचार होते हैं वैसा ही हमारा जीवन बनता है। मनुष्य अपने सदविचारों, सकारात्मक विचारों के साथ जीवन मे सफलता, महानता, सुख शांति एवं प्रसनन्ता को प्राप्त करते है। इसके विपरीत अपने आप को अभागा, दीन हीन , बदनसीब समझने एवं नकारात्मक विचारों को अपनाने वाले मनुष्य का जीवन कभी उन्नत और उत्कृष्ट नहीं बन सकता। मनुष्य को वही मिलता है जैसे उसके विचार होते हैं।
कुँए में मुँह करके आवाज देने पर वैसी ही प्रतिध्वनि उत्पन्न होती है। ये संसार भी इस कुँए की आवाज की भांति ही है । हम जैसे सोचते है विचारते है वैसी ही प्रतिक्रिया वातावरण में हो जाती है और हम जैसा सोचते है वैसा ही हमारे आसपास का वातावरण बन जाता है।
आवश्यकता हमे अपने विचारों को निम्न स्तर से उठाकर उच्च स्तर का बनाने की । बुरे विचार मन को चंचल, और असंतुलित बनाते हैं। बुरे विचारों से लिप्त व्यक्ति गलत कार्य करने की योजनाएं भी करने लगता हैं, और उसे फ़लीभूत भी कर लेता है। असल मे सदविचार ही स्वर्ग के समान है और कुविचार नरक की तरह है।
यदि हम सुख की आशा करते है तो हमे हमारा चरित्र का निर्माण करना होगा। सदचरित्र हमे अच्छे संस्कारों से प्राप्त होता है और अच्छे संस्कार के लिए अच्छे विचारों का होना आवश्यक है। अच्छे विचार अपनाएं, और दूसरों को भी प्रेरित करें।
खुश रहो, निरोग रहो…….